Types of Account

Types of Account || Golden Rules of Accounting

Table of Contents

What is account (खाता क्या है)

एक खाता दिन-प्रतिदिन के लेन-देन का एक संक्षिप्त रिकॉर्ड होता है, जिससे उपयोगकर्ता व्यवसाय के बारे में राय बना सकता है, उसके प्रदर्शन का आकलन कर सकता है और कुछ निर्णय ले सकता है। लेखांकन सीखने के लिए, व्यवस्थित और सही तरीके से खातों को तैयार करने और बनाए रखने के लिए डेबिट और क्रेडिट, संपत्ति और देयताएं, आय और व्यय के मूल सिद्धांतों को समझना आवश्यक है।

Types of Account (खाता के प्रकार)

लेखांकन के नियम के अंतर्गत, जानने के लिए आवश्यक पहलुओं में से एक लेखांकन के सिस्टम नियम के अंतर्गत आने वाले खातों के प्रकार (Types of Account) हैं। खाता वर्गीकरण की सहायता से, आप नियमों को प्रभावी ढंग से समझने में बेहतर स्थिति में होंगे।

Types of Account TJ

1. Personal Account (व्यक्तिगत खाता)

व्यक्तिगत खाता Types of Account का एक प्रकार जिसे  एक सामान्य खाता बही के रूप में समझ सकते हैं जो व्यक्ति, बैंक, संगठन और कंपनियों से संबंधित है।

इसे तीन उपश्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

(i). Natural Personal Account (प्राकृतिक व्यक्तिगत खाता)

इस प्रकार का खाता मानव का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें व्यक्तिगत पूंजी खाते, देनदार खाते, लेनदार खाते, आहरण खाते शामिल हैं। जैसे: Rohan A/c, Farhan A/c, Capital A/c, Drawing A/c etc.

(ii). Artificial Personal Account (कृत्रिम व्यक्तिगत खाता)

एक कृत्रिम व्यक्तिगत खाता उन निकायों का प्रतिनिधित्व करता है जो मनुष्य नहीं हैं, लेकिन कानून के अनुसार अलग कानूनी इकाई के रूप में कार्य करते हैं। वे नाम से ही समझौते कर सकते हैं और कार्य संचालित कर सकते हैं। इनमें कंपनियाँ, बैंक, अस्पताल, सरकारी निकाय, भागीदारी और सहकारी समितियाँ शामिल हैं। जैसे: Mohan & Sons, S.K. Enterprises, SBI Bank A/c, City Hospital etc.

(iii). Representative Personal Account (प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाता)

इस प्रकार का व्यक्तिगत खाता प्राकृतिक या कृत्रिम संस्थाओं के खातों का प्रतिनिधित्व करता है। हालाँकि, इस प्रकार के खाते में लेन-देन या तो पिछले या आने वाले वर्ष के होते हैं।

उदाहरण के लिए, एक प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाते में पिछले वर्ष के किसी कर्मचारी के देय वेतन की जानकारी हो सकती है। साथ ही, यह आने वाले वर्ष के लिए कंपनी द्वारा अग्रिम रूप से भुगतान किए गए किराए की राशि का प्रतिनिधित्व कर सकता है। जैसे: Outstanding Expense A/c, Prepaid Expense A/c, Outstanding Income A/c, Advance Income Received A/c

2. Real Account (वास्तविक खाता)

वास्तविक खाता Types of Account का ऐसा खाता है जो संगठन के पास मौजूद सभी परिसंपत्तियों के खातों का प्रतिनिधित्व करता है। वास्तविक खाते उन परिसंपत्तियों और संपत्तियों के खाते हैं जिन्हें देखा जा सकता है, छुआ जा सकता है, खरीदा और बेचा जा सकता है। जैसे: Land, Building, Furniture, Vehicle, Cash etc.

वास्तविक खाता को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है,

(i). Tangible Real Account (मूर्त वास्तविक खाता)

मूर्त वास्तविक खाता वैसे सम्पतियों को कहते हैं जिन्हें छुआ, देखा और मापा जा सकता है। इन संपत्तियों का अपना भौतिक स्वरूप और अस्तित्व होता है। जैसे: Building, Furniture, Car, Cash etc.

(ii). Intangible Real Account (अमूर्त वास्तविक खाता)

अमूर्त वास्तविक खाता में ऐसी संपत्तियां और संपदाएं शामिल हैं जिन्हें छुआ नहीं जा सकता है। इन संपत्तियों का कोई भौतिक अनुभव नहीं होता लेकिन इनका मौद्रिक मूल्य (Monetary Value) होता है।जैसे: Goodwill, Patents Copyrights, Trademarks.

3. Nominal Account (नाममात्र खाता)

नाममात्र खाता Types of Account का एक सामान्य खाता बही है जिसमें किसी व्यवसाय के लेन-देन, जैसे – व्यय, आय, लाभ और हानि शामिल हैं। इसमें एक वित्तीय वर्ष में होने वाले सभी लेन-देन शामिल हैं। इसके अलावा, यह शून्य पर रीसेट हो जाता है और अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत में नए सिरे से शुरू होता है। जैसे: Salary Paid, Rent Paid, Commission Receive, Interest Receive, Electricity Bill etc.

The Golden Rules of Accounting: Principles of Debit and Credit (लेखांकन के स्वर्णिम नियम: डेबिट और क्रेडिट के सिद्धांत)

आज के समय में अकाउंटिंग सिर्फ़ बहीखाते से कहीं बढ़कर है। अकाउंटिंग के दो महत्वपूर्ण पहलू डेबिट (Debit) और क्रेडिट (Credit) हैं। हमें किसी भी लेन-देन को तभी दर्ज करना चाहिए जब हम इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि किस खाते को डेबिट या क्रेडिट किया जाना चाहिए।

जब कोई वित्तीय लेन-देन होता है, तो यह दो खातों को प्रभावित करता है, और अकाउंटिंग की दोहरी प्रविष्टि प्रणाली में, हमारे पास अपने लेन-देन दर्ज करने के लिए दो पक्ष (side) होते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं, एक डेबिट पक्ष है, और दूसरा क्रेडिट पक्ष है। अकाउंटिंग प्रविष्टि को समझने के लिए, सबसे पहले, हमें खाता के प्रकार (Types of Account) और उनके संबंधित डेबिट क्रेडिट नियम (Debit-Credit Rule) को समझना होगा।

लेखांकन के स्वर्णिम नियम (Golden Rule), जिन्हें लेखांकन के मूलभूत सिद्धांत भी कहा जाता है, वे बुनियादी दिशा-निर्देश हैं जो यह नियंत्रित करते हैं कि वित्तीय लेनदेन को कैसे रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। वे लेखांकन की आधारशिला हैं और तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित हैं:

आइए लेखांकन के तीन गोल्डन रुल (Golden Rule) पर एक नज़र डालें:

Types of Account

Golden Rule

Personal Account

Debit the receiver,

Credit the giver

Real Account

Debit what comes in,

Credit what goes out

Nominal Account

Debit all expenses and losses,

Credit all incomes and gains

तीनों स्वर्णिम नियम खातों की प्रकृति (Types of Account) के आधार पर लागु होते हैं। ये सभी नियम उन संगठनों और व्यवसायों के लिए लागू होते हैं जो व्यवसाय की वित्तीय गतिविधियों को संचालित करते हैं, लेनदेन के उपचार को परिभाषित करते हैं।

लेखांकन के नियमों को समझने के लिए कुछ उदहारण:

खातों के प्रकारों (Types of Account) और लेखांकन के स्वर्णिम नियमों (Golden Rules) को समझने के बाद, आइए निम्नलिखित उदाहरण की सहायता से अवधारणा (Concept) को व्यावहारिक रूप से (Practically) समझें:

Illustration (उदहारण):

1. ए०के० गुप्ता ने 5,00,000 नकद से व्यापर प्रारंभ किया

2. उन्होंने 2,00,000 रुपये का सामान नकद में खरीदा।

3. उन्होंने 75,000 रुपये का फर्नीचर खरीदा।

4. उन्हें अपने बैंक खाते में 4,800 रुपये का ब्याज मिला।

5. उन्होंने अपने कर्मचारियों को 25,000 रुपये का वेतन दिया।

Solution (समाधान):

पहला कदम उपरोक्त लेन-देन में शामिल खातों की पहचान करना और उन्हें तदनुसार वर्गीकृत करना है।

आइये निम्नलिखित तालिका (Table) की सहायता से समझते हैं:

Transaction

Accounts Involved

Types of Account

Decided by

Golden Rules

1. Business start with cash ₹5,00,000

Cash A/c

Capital A/c

Real Account

Personal Account

Debit what comes in

Credit the giver

2. Purchase goods in cash ₹2,00,000

Purchase A/c

Cash A/c

Nominal Account

Real Account

Debit all expenses

Credit what goes out

3. Purchased furniture for ₹75,000

Furniture A/c

Cash A/c

Real A/c

Real A/c

Debit what comes in

Credit what goes out

4. Interest receive from bank ₹4,800

Bank A/c

Interest Rec A/c

Personal Account

Nominal Account

Debit the receiver

Credit all incomes

5. Pays salary of ₹25,000

Salary A/c

Cash A/c

Nominal Account

Real Account

Debit all expenses

Credit what goes out

 उपरोक्त लेन-देन में शामिल खातों के प्रकारों (Types of  Account) को वर्गीकृत (Classify) करने के बाद, अगला काम यह है कि प्रत्येक लेन-देन पर गोल्डन रूल (Golden Rule) लागू करके इन लेन-देनों (Transactions) को जर्नल (Journal) में दर्ज किया जाए।

Sl.No

Date

Particular

L/F

Debit (₹)

Credit (₹)

1

 

Cash A/c …………………………………….…. Dr:

      To Capital A/c

 

5,00,000

 

5,00,000

2

 

Purchase A/c ………………………………. Dr:

      To Cash A/c

 

2,00,000

 

2,00,000

3

 

Furniture A/c …………………….…………. Dr:

      To Cash A/c

 

75,000

 

75,000

4

 

Bank A/c ……………………………………….. Dr:

      To Interest Rec A/c

 

4,800

 

4,800

5

 

Salary A/c …………………………………….. Dr:

      To Cash A/c

 

25,000

 

25,000

Conclusion (निष्कर्ष):

इस ब्लॉग में हमने खातों के विभिन्न प्रकार (Types of Account) और स्वर्ण लेखा नियमों (Golden Rule) के महत्व पर चर्चा की। व्यक्तिगत, वास्तविक और नाममात्र खातों के साथ-साथ उनके उपप्रकारों पर भी ध्यान दिया गया तथा इन नियमों का पालन करते हुए खातों को वर्गीकृत (Classify) करने और उन्हें लेखाबही में दर्ज करने के बारे में भी जाना।

लेखांकन में खातों के विभिन्न प्रकार (Types of  Account) और स्वर्ण लेखा नियमों (Golden Rules of Accounting) की समझ महत्वपूर्ण है। यह व्यापारिक गतिविधियों को सही तरीके से रिकॉर्ड करने और उनका विश्लेषण करने में मदद करता है।

जर्नल प्रविष्टियों (Journal Entry) के बारे में विस्तृत जानकारी अगले ब्लॉग में दी जाएगी।

 

अकाउंटिंग के गोल्डन रूल्स (Golden Rules) से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: गोल्डन अकाउंटिंग रूल्स क्या हैं?

उत्तर: गोल्डन अकाउंटिंग रूल्स तीन मूलभूत सिद्धांत हैं जो डेबिट और क्रेडिट की पहचान करने में मदद करते हैं। ये हैं:

व्यक्तिगत खाता नियम: “प्राप्तकर्ता को डेबिट करें, देने वाले को क्रेडिट करें”।

वास्तविक खाता नियम: “आने वाले को डेबिट करें, जाने वाले को क्रेडिट करें”।

नाममात्र खाता नियम: “सभी व्यय और घाटे को डेबिट करें, सभी आय और लाभ को क्रेडिट करें”।

 

प्रश्न 2: व्यक्तिगत खाता नियम क्या है?

उत्तर: व्यक्तिगत खाता उन खातों को संदर्भित करता है जो व्यक्तियों, फर्मों या संस्थानों से संबंधित हैं। इस नियम के अनुसार:

व्यक्ति या संस्था जो प्राप्त करती है उसे डेबिट करें।

व्यक्ति या संस्था जो देती है उसे क्रेडिट करें।

 

प्रश्न 3: वास्तविक खाता नियम क्या है?

उत्तर: वास्तविक खाते उन खातों को संदर्भित करते हैं जो परिसंपत्तियों और देनदारियों से जुड़े होते हैं। इस नियम के अनुसार:

जो आता है उसे डेबिट करें।

जो जाता है उसे क्रेडिट करें।

 

प्रश्न 4: नाममात्र खाता नियम क्या है?

उत्तर: नाममात्र खाते उन खातों को कहते हैं जो आय, व्यय, लाभ और हानि दर्शाते हैं। इस नियम के अनुसार:

सभी व्यय और हानि डेबिट करें।

सभी आय और लाभ क्रेडिट करें।

 

प्रश्न 5: गोल्डन रूल्स का उपयोग कैसे करें?

उत्तर: गोल्डन रूल्स का उपयोग लेनदेन को सही ढंग से रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक लेनदेन को डेबिट और क्रेडिट के नजरिए से देखा जाता है और उचित खाते को डेबिट या क्रेडिट किया जाता है।

 

प्रश्न 6: गोल्डन रूल्स की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: गोल्डन रूल्स वित्तीय लेनदेन को एक समान और व्यवस्थित तरीके से रिकॉर्ड करने में मदद करते हैं। ये सुनिश्चित करते हैं कि सभी लेनदेन सही और पारदर्शी तरीके से रिकॉर्ड किए जाएं, जिससे वित्तीय रिपोर्टिंग में स्पष्टता और सटीकता बनी रहे।

 

प्रश्न 7: क्या गोल्डन रूल्स सभी प्रकार के खातों पर लागू होते हैं?

उत्तर: हां, गोल्डन रूल्स सभी प्रकार के खातों पर लागू होते हैं – व्यक्तिगत, वास्तविक और नाममात्र खाते। इन नियमों के अनुसार प्रत्येक लेनदेन को उचित तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है।

 

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